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'ठरलं तर मग' आजचा भाग २ एप्रिल २०२४ Tharal tar mag today's episode reviews.

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 'ठरलं तर मग' आजचा भाग २ एप्रिल २०२४ Tharal tar mag today's episode reviews  ठरलं तर मग या मालिकेच्या आजच्या भागामध्ये आपण पाहणार आहोत सुभेदारांच्या घरची धुळवड अगदी उत्साहात साजरी होत असते प्रत्येक जण एकमेकांना रंग लावत असतात मग काही वेळानंतर तेथे पुर्णाआजी येतात तेव्हा अस्मिता पळत  जाते आणि आजी असं म्हणून पुर्णाआजीला  रंग लावते त्या खूपच खुश होतात आणि सायलीकडे पाहतात तर ती एकटीच उभी असल्यामुळे त्या विचारतात ही का अशी उभी आहे ग त्यावेळी अस्मिता म्हणते अर्जुनची वाट पाहत असेल बाकी काय असं म्हणून ती लगेच नाक मुरडते मग काही वेळानंतर तेथे प्रताप येतो आणि म्हणतो पुर्णाआजी मी तुला रंग लावणार असं म्हणून तो देखील आता पुर्णाआजी रंग लावतो तेवढ्यातच कल्पना विमल त्याचबरोबर सायली देखील तेथे येतात सायली पुर्णाआजी रंग लावून म्हणते हॅपी होळी पुर्णाआजी असं म्हणून ती आशीर्वाद देखील घेते तेव्हा त्या देखील सायली ला आशीर्वाद देतात पुढे पुर्णाआजी विचारतात अरे अश्विन आहे कुठे? तेवढ्यातच अश्विन आत येथे येतो आणि पूपुर्णाआजी विचारतात की अरे तू कुठे गेला होतास एवढा वेळ तो म्हणतो मी दादाला बोलवायला गेल

'विक्टोरिया स्मारक कोलकता', बंगाल Victoria Memorial Kolkatta Bengal

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 विक्टोरिया स्मारक कोलकाता, बंगाल Victoria Memorial Kolkatta Bengal.  कोलकाता का विक्टोरिया स्मारक देश  के सबसे खूबसूरत स्मारकों में से एक है। इसका निर्माण सन  १९०६ से १९२१ के  बिच में हुवा था ।  ईसका  निर्माण भारत में  राणी  विक्टोरिया के शासन काल को २५ साल पुरे होने के अवसर पर हुवा था जो की महारानी के मृत्यु १९०१ के साथ ख़तम हुवा था। सन १८५७ के विद्रोह के बाद १८७६ में ब्रिटिश संसद ने भारत का शासन महारानी विक्टोरिया को सोप दिया था।  सफ़ेद संगेमरमर से बनी ये भव्य ईमारत अंगेजो के शासन का प्रतिक मानी  जाती हैं। ईस  स्मारक को अब एक विशाल संग्रहालय में परिवर्तित किया है ,और ये देश के सबसे बड़े संग्रहालयो में से एक है।यह मेमोरियल 338 फीट लंबे और २२८  फीट चौड़े स्‍थान में निर्मित भवन के साथ 64 एकड़ भूमि पर बनाया गया है जिसकी कुल ऊंचाई २०० फिट है।  संग्रहालय का विशाल गुम्‍बद, चार सहायक, अष्‍टभुजी गुम्‍बदनुमा छतरियों से घिरा हुआ है, इसके ऊंचे खम्‍भे, छतें और गुम्‍बददार कोने वास्‍तुकला का बेजोड़ नमूना पेश करते हैं।  प्रिंस ऑफ वेल्‍स, किंग जॉर्ज पंचम, ने 4 जनवरी 1906 को इसकी आधार

गुलबर्गा किला कर्नाटक इतिहास (हिंदी में) Gulbarga Fort History (In Hindi) Karnataka.

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गुलबर्गा किला कर्नाटक इतिहास (हिंदी में) Gulbarga Fort History (In Hindi) Karnataka.  Gulbarga Fort Gulbarga, Karnataka दक्षिणी राज्य कर्नाटक का गुलबर्गा एक महत्त्व पूर्ण और चौथा सबसे बड़ा शहर है गुलबर्गा को कलबुर्गी के नाम से भी जाना जाता है।  गुलबर्गा उत्तरी कर्नाटक क्षेत्र में बसा है और बंगलुरु से ये ६२५ किमी की दुरी पर स्थित है मुंबई से ५३० किमी तथा हैदराबाद से महस २३० किमी की दुरी पर बसा है। गुलबर्गा में पर्यटकों को देखने के लिए गुलबर्गा फोर्ट,हजरत ख्वाजा बाँदा नवाज दरगाह और बुद्ध विहार प्रमुख पर्यटन स्थल है। Bastion Gulbarga Fort  दक्षिण में सन १३२७ में हसन गंगू बहमनी ने बहमनी राज्य की स्थापना की,सन १३४७ में अलाउदीन बहमनी ने गुलबर्गा को अपनी राजधानी बनाया और उसका नाम बदलकर अहसानाबाद किया। सन १३४७ से १४२५ तक गुलबर्गा बहमनी साम्राज्य की राजधानी रहा बाद में इसे गुलबर्गा से बीदर स्थलांतरित किया गया, अलाउदीन बहमनी ने गुलबर्गा किले को अपने राज्य की राजधानी के तौर पर किया विकसित किया, ईस समय बहमनी राज्य का पूरा प्रशासन गुलबर्गा किले से ही नियंन्त्रित होता था।  Long

कलबुर्गी (गुलबर्गा) का भव्य बुद्धविहार कर्नाटक Budha Vihar Kalburgi ( Gulbarga) Karnataka

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कलबुर्गी (गुलबर्गा) का भव्य बुद्धविहार कर्नाटक Budha Vihar Kalburgi ( Gulbarga) Karnataka दक्षिणी राज्य कर्नाटक का गुलबर्गा एक महत्त्व पूर्ण और चौथा सबसे बड़ा शहर है गुलबर्गा को कलबुर्गी के नाम से भी जाना जाता है।  गुलबर्गा उत्तरी कर्नाटक क्षेत्र में बसा है और बंगलुरु से ये ६२५ किमी की दुरी पर स्थित है मुंबई से ५३० किमी तथा हैदराबाद से महस २३० किमी की दुरी पर बसा है। गुलबर्गा में पर्यटकों को देखने के लिए गुलबर्गा फोर्ट,हजरत ख्वाजा बाँदा नवाज दरगाह और बुद्ध विहार प्रमुख पर्यटन स्थल है।    बुद्ध विहार गुलबर्गा विश्वविद्यालय के पास सेदम रोड पर जिला मुख्यालय से केवल 6 किलोमीटर दूर स्थित है। ये बुद्धविहार देश के सबसे बड़े बुद्धविहारो में से एक है जो की 18 एकड़ में फैला है,यहा एक मुख्य प्रार्थना कक्ष, तहखाने में एक ध्यान केंद्र और भूतल पर एक चैत्य गृह है । बुद्धविहार का गुंबद जो पारंपरिक बौद्ध वास्तुकला पर और साँची के स्तूप से प्रेरित होकर बनाया गया है, जिसकी की ऊंचाई 70 फीट और व्यास 59 फीट है। मुख्य गुंबद काफी भव्य है और पूरी तरह से संगेमरमर से बना है। गुंबद की चोटी पर एक

बिहार के प्रमुख दस पर्यटन स्थल TOP 10 TOURIST PLACES TO VISIT/DO IN BIHAR

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बिहार के प्रमुख दस पर्यटन स्थल TOP 10 TOURIST PLACES OF BIHAR Bhagvan Budha बिहार देश के महत्वपूर्ण राज्यों में से एक है भगवान बुद्ध,सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य और सम्राट अशोक  पद स्पर्शो से पवित्र ये भूमि अपने ऐतिहासिक और धार्मिक महत्त्व के लिए दुनिया भर में मशहूर है। एक समय बिहार भारत  में  बौद्ध धर्म का सबसे महत्वपुर्ण स्थल था यंहा पर बौद्ध धर्म का काफी प्रभाव था और इसकी प्रचिती हमें बिहार इस नाम से ही आती है । बिहार ये नाम विहार इस शब्द से प्रचलित हुवा है विहार का मतलब है बौद्ध मंदिर। बिहार में पर्यटकों को आकर्षित करते कई सारे महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल है इनमे से हम इस ब्लॉग में देखेंगे प्रमुख दस पर्यटन स्थल । 10 जानकी मंदिर,सीतामढ़ी बिहार का सीतामढ़ी भगवान श्री राम की पत्नी सिता का जन्म स्थल है। जिस स्थान पर सीता माँ का जन्म हुवा था उसी स्थान पर एक भव्य मंदिर का निर्माण लगभग १०० साल पाहिले किया कराया गया है। जंहा पर दर्शन करने हजारो की  संख्या में भाविक हर दिन आते है। 9 जलमंदिर,पावापुरी पावापुरी का जलमंदिर देश के जैन भविकोंके लिए बहुत ही पवित्र स्थल है भगवान महावीर