सुरु होणार जानकी व ऋषिकेशची प्रेम कहाणी 'घरोघरी मातीच्या चुली' Gharo ghari matichya chuli today's episode

चित्र
  सुरु होणार जानकी व ऋषिकेशची प्रेम कहाणी 'घरोघरी मातीच्या चुली' Gharo ghari matichya chuli today's episode  घरोघरी मातीच्या चुली या मालिकेच्या आजच्या भागामध्ये आपण पाहणार आहोत ,जानकी ही फुगे फोडत बसलेली असते आणि तेव्हा सारंग  हा त्या ठिकाणी ऋषिकेश कडे जातो ऋषिकेशला बोलतो  दादा माझा नंबर कधी येणार आहे ती मुलगी कधीपासून फुगे फोडत बसली आहे, तेव्हा ऋषीकेश सारंगला बोलतो नंबर येत नसतो तर तो आणावा लागतो आणि तो आपल्या जवळची बंदूक घेऊन जानकीच्या  समोर लावलेले फुगे फोडतो तेव्हा जानकीला अतिशय राग येतो आणि ती  रागाने पाठीमागून वळून   पाहते आणि ऋषिकेश ला विचारते  तुम्ही ही फुगे का फोडले तेव्हा ऋषिकेश तिला उत्तर देतो तुम्ही केव्हापासून प्रयत्न करत आहात फक्त मी तुमची मदत केली आणि त्यावेळेस त्यास फुगे स्टॉलचा मालखा ऋषिकेशला बक्षीस देतो आणि बोलतो हे घ्या तुमचे बक्षीस आणि ऋषिकेश  ते बक्षीस घेऊन जानकीला बोलते हे बक्षीस तुम्ही ठेवा तेव्हा जानकीला राग येतो आणि जानकी ही ते बक्षीस फेकून देते आणि त्यावेळेस आपण पाहतो त्या ठिकाणी मास्क घेतलेला एक व्यक्ति येतो आण...

कार्ला गुंफाये,लोणावला महाराष्ट्र (Karla Caves,Lonawala Maharashtra )


कार्ला गुंफाये,लोणावला महाराष्ट्र. 

Karla Caves,Lonawala Maharashtra.



कार्ला गुंफाये ये महाराष्ट्र के मशहूर हिल स्टेशन लोणावला से केवल ११ किमी पुणे की ओर और पुराने मुंबई-पुणे हाईवे पर स्थित है,तो वही पुणे से ६० किमी दूर स्थित है | ये गुंफाये बुद्धिस्ट स्थापत्य कला का बेजोड़ नमूना है | गुंफा के अंदर मौजूद ब्राम्ही लिपी के शिलालेख से ये पता चलता है की इन गुंफाओंका निर्माण पश्चिमी क्षत्रप राजाओ ने इसा के पूर्व दूसरे शतक से लेके इसा दूसरे शतक के बीच में किया था | इतिहास में ऐसा सामने आया है की दूसरी सदी में राजा नहपान के समय कार्ला का नाम 'वलुकुरा' था जो बाद में समय के साथ बदलते हुवे कार्ला हुवा |


महाराष्ट्र और भारत की  ज्यादातर बौद्ध गुंफाये प्राचीन व्यापारी मार्ग पर बसी हुवी थी ताकी व्यापारीओको रास्ते में आराम तथा रात को रुकने के लिए कोई जगह मिले | कार्ला में कुल १६ गुंफाये है लेकिन सबसे मशहूर,भव्य और खूबसूरत तो गुफा नंबर आठ है जोकि ग्रेट चैत्य गृह है | 



 चैत्य गृह याने बौद्धों का प्रार्थना स्थल है जो की देश का सबसे बड़ा चैत्य है जिसकी लम्बाई ३८ मीटर चौड़ाई १५ मीटर तथा ऊंचाई १४.६ मीटर है ,यंहा के शिलालेख से ये पता चलता है की इस चैत्य गृह का निर्माण पश्चिमी क्षत्रप राजा नहपान ने साल १२० ईसा   में किया था |







ईस चैत्य हॉल के दोनों और पंधरा -पंधरा खम्बे है जो की अष्टकोणीय आकृतिया है खम्बे के ऊपरी भाग बेहत ही खूबसूरती से सजाया गया है इसमें दो जोड़ी हाथी है और ऊपर महिला एंव पुरुष की जोड़ी बैठी हुवी दर्शाई गयी है ,तो कुछ खम्बो पर दो महिलाये भी दर्शाई गई है,और उनके पीछे बाघ और घोड़े की आकृतिया तराशी गई है |


हैरतंगेज तरीके से इसका छत लकड़ी से बना है जो की २००० सालो से लेकर आज तक अच्छी स्थिति में है | चैत्य के अंदर जो पत्थर से बने स्तूप है उसके ऊपर एक छतरी बनी है जो आज भी पर्यटक देख सकते है | 




ग्रेट चैत्य को तीन प्रवेशद्वार है जिनमे बिच वाला सबसे बड़ा और प्रमुख है उसके ऊपर एक घोड़े की नाल की आकार की एक भव्य खिड़की है जंहा से सीधे सूरज की रोशनी स्तूप पर पड़ती है | प्रमुख प्रवेशद्वार के सामने एक भव्य बरामदा है जो की ५२ फ़ीट लम्बा और १५ फ़ीट चौड़ा है |सातवाहन राजा पुलयामी ने बरामदा पर भगवान बुद्धा की हाथी पर सवार और सामान्य लोकजीवन की कई सारी प्रतिमाये तराशी है |


एक समय ग्रेट चैत्य के बहार तो १५  मीटर ऊंचाई वाले दो अशोक स्थम्ब थे अब उसमे से एक ही स्थम्ब बचा और दूसरे स्थम्ब को गिरा कर उसकी जगह पर एकवीरा देवी का मंदिर बनाया गया है |



👇👇Click below link to watch compete video 👇👇












टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

Top 10 Tourist places to visit/in Telangana State तेलंगाना राज्य के १० प्रमुख पर्यटन स्थल తెలంగాణ రాష్ట్రంలోని టాప్ 10 పర్యాటక ప్రదేశాలు

Tamilnadu's Top 10 remote Tourist Places तमिलनाडु के 10 दूरस्थ पर्यटन स्थल: अन्वेषण करने के लिए छिपे हुए रत्न (ஆராய 10 மறைக்கப்பட்ட கற்கள்)

Top 10 Tourist Places visit/do in Odisha ओडिशा में प्रमुख 10 पर्यटन स्थल ( हिंदी में )