लताने रणदिवेंच्या घरामध्ये पार्वती बनून केला प्रवेश 'घरोघरी मातीच्या चुली' Gharoghari matichya chuli todays episode

 लताने  रणदिवेंच्या घरामध्ये पार्वती बनून केला प्रवेश 'घरोघरी मातीच्या चुली' Gharoghari matichya chuli today's episode घरोघरी मातीच्या चुली या मालिकेच्या पुढील भागांमध्ये आपण पाहणार आहोत लता ही ऐश्वर्या आणि सारंग ओरडून बोलते मला माहित आहे हे शूटिंग वगैरे काही नाही तुम्ही मला खऱ्या आयुष्यामध्ये करायला लावत आहात आता मला सांगा तुम्ही काय करत आहात तेव्हा ऐश्वर्याही विचारतो की ही घाबरतात इकडे आपण पाहतो जानकी ही नानाला बोलते नाना उद्या पार्वती आईचा श्राद्ध आहे आणि आज भाग आणि या जंगलामध्ये हिरव्या बांगड्या आहेत मला शिकून झाल्यासारखे वाटत आहे तेव्हा ना बोलतात ज्यांच्या काही समज करून घेऊ नको हा एक योगायोग आहे असे काहीच नसते त्यामुळे जानकी बोलते मला तर नाना पुढच्या येणाऱ्या संकटाची चाहूल दिसत आहे तेव्हा नाना सुमित्रा ऋषिकेश सर्वजण हे मंदिरामध्ये पूजा करण्यासाठी केलेले असतात आणि ऋषिकेश कोंडा मध्ये पूजा करायला जातो त्यावेळेस त्या महिला त्या कुंडामध्ये एक महिला पडते आणि ऋषिकेश आतील वाचवला जातो व तिला उचलून बाहेर घेऊन येतो तेव्हा मला विचारतात तू कोण आहेस तेव्हा ती महिला बोलते मी पार्वत...

अजंता गुफाएँ ,औरंगाबाद महाराष्ट्र Ajanta Aurangabad Maharashtra


अजंता गुफाएँ ,औरंगाबाद महाराष्ट्र Ajanta Aurangabad Maharashtra





अजंता की बौद्ध गुफाएँ भारत के प्राचीन स्थापत्य कला एंव चित्रकारी का बेजोड़ नमूना है अजंता गुफाएँ महाराष्ट्र के औरंगाबाद से ११८ किमी उत्तर दिशा में अजंता की पहाड़िमे बसा है | अजंता में कुल ३० गुंफाये है जिसमे से एक अर्धपूर्ण अवस्था में छोड़ दी गयी है | अजंता गुफाये भारत का पहला ऐसा स्मारक है जिसे यूनेस्को ने अपनी विश्व धरहोर की सूचि में सबसे पहले १९८३ में शामिल किया इसके बाद एल्लोरा और बाद में ताज महल को शामिल किया गया इससे अजंता का एहमियत समझ में आती है |

 अजंता औरंगाबाद-जळगाव रोड पर एक छोटासा गांव है ,मुख्य रोड से अजंता गुफाएँ पहाड़ी यो में लगभग ५ किमी दूर है गुफा के नजदीक जाने तक हमे गुंफाओं का अस्तित्व पता नहीं चलता |

 इन गुंफाओं के खोज की कहानी बड़ी रंजक है ब्रिटिश अधिकारी जॉन स्मिथ जब बाघ की शिकार करने के उद्देश्य से ठीक गुफाओं के सामने वाले चट्टान से दूरबीन से उसने एक बाघ को खोज निकला और देखते ही देखते वो बाघ अचानक गायब हो गया फिर ब्रिटिश अधिकारी बाघ के अचानक गायब होने से हैरान होकर ठीक उसी जगह पर जा कर पहुंचा तो उसकी आंखे  फटी की फटी रह गयी क्योकि वो पहुंचा था दुनिया के स्थापत्य कला एंव चित्रकारी का बेजोड़ नमूना वाली अजंता की गुफा नंबर १० में जो पीछले सेकड़ो सालो से अंधकार में थी और ईस तरह अजंता एक बार फिर दुनिया के सामने आया | जॉन स्मिथ ने अपने हस्ताक्षर में गुफा नंबर १० में  एक खम्बे पर अपना नाम और २८ अप्रैल १८१९ तारीख को उकेरा गया है |फाई-यान जब भारत में आया था तब उसने इस जगह भेट देने के प्रमाण इतिहास  में मिलते है |

 अजंता की गुफाओं का निर्माण ईसा की दूसरी सदी से लेकर ईसा की पांचवी सदी के बीच में किया गया था  | गुफा नंबर ९ और १०,१२,१३ और १५ यंहा की सबसे पुराणी गुफाएँ है | इसका निर्माण सातवाहन राजाओ ने किया था गुफा नंबर १० में सातवाहन राजा वसिष्ठिपुत्र के नाम का एक शिलालेख मिलता है जिसमे इसका निर्माण वासिष्ठीपुत्र ने किये जाने का जिक्र मिलता है |


दूसरे स्टेज में गुफा नंबर १ से ८ ,११ और गुफा नंबर १४ से २९ का निर्माण  ४ थी सदी से लेकर सातवीं  सदी में हुवा है ये बात अभी तक इतिहास में मानी गयी है लकिन एक नए खोज से ये पता लगा है  की दूसरे स्टेज की गुफाओं का निर्माण साल ४६० से ४८०  बीच में ही  किया गया था और इसका गवाह है गुफा नंबर १७ में मिला वाकाटक राजा हरिसेन और उपेन्द्रगुप्त का शिलालेख | 

गुफा क्रमांक १,२ १७ में आज भी बड़ी मात्रा में प्राचीन भारत की चित्रकारी का बेजोड़ नमूना देखने को मिलता है दुनिका की पहिली ३ डी चित्रकला का अविष्कार यही पर हुवा था दुनिया की मशहूर पद्मपाणि वज्रपाणि के चित्र गुफा क्रमांक में पाए जाते है इसके अलावा असंख्य चित्र यंहा पर देखने को  भरत के पर्यटन विभाग का बोधचिन्ह भी अजंता की चित्रोमे से लिया गया है 
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माना ये जाता है की जब चीनी प्रवासी युवान-संग सातवीं सदी में भारत आया तब अजंता की बौद्ध गुफाएँ में काफी हलचल थी और ये बौद्ध श्रद्धालुका पवित्र स्थान और पढाई का भी केंद्र था | 


How to get there अजंता कैसे पहुंचे


 अजंता औरंगाबाद से जळगाव रोड पर ११८ किमी दूर है तो वही जळगाव से केवल ७० किमी की दुरी पर है औरंगाबाद देश के प्रमुख शहरो से हवाई रेल तथा रोड यातायात से जुड़ा है अजंता टिया पॉइंट से मगरीन बसेस अजंता गुंफायो तक चलती है |


Where to Stay कहा पर ठहरे


कहा पर ठहरे औरंगाबाद में १ सितारा से लेकर ५ सितारा होटल आसानी से उपलब्द है तो  वही अजंता टी पॉइंट और  फर्दापुर में भी रहने को होटल मिलेंगे  

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