सुरु होणार जानकी व ऋषिकेशची प्रेम कहाणी 'घरोघरी मातीच्या चुली' Gharo ghari matichya chuli today's episode

चित्र
  सुरु होणार जानकी व ऋषिकेशची प्रेम कहाणी 'घरोघरी मातीच्या चुली' Gharo ghari matichya chuli today's episode  घरोघरी मातीच्या चुली या मालिकेच्या आजच्या भागामध्ये आपण पाहणार आहोत ,जानकी ही फुगे फोडत बसलेली असते आणि तेव्हा सारंग  हा त्या ठिकाणी ऋषिकेश कडे जातो ऋषिकेशला बोलतो  दादा माझा नंबर कधी येणार आहे ती मुलगी कधीपासून फुगे फोडत बसली आहे, तेव्हा ऋषीकेश सारंगला बोलतो नंबर येत नसतो तर तो आणावा लागतो आणि तो आपल्या जवळची बंदूक घेऊन जानकीच्या  समोर लावलेले फुगे फोडतो तेव्हा जानकीला अतिशय राग येतो आणि ती  रागाने पाठीमागून वळून   पाहते आणि ऋषिकेश ला विचारते  तुम्ही ही फुगे का फोडले तेव्हा ऋषिकेश तिला उत्तर देतो तुम्ही केव्हापासून प्रयत्न करत आहात फक्त मी तुमची मदत केली आणि त्यावेळेस त्यास फुगे स्टॉलचा मालखा ऋषिकेशला बक्षीस देतो आणि बोलतो हे घ्या तुमचे बक्षीस आणि ऋषिकेश  ते बक्षीस घेऊन जानकीला बोलते हे बक्षीस तुम्ही ठेवा तेव्हा जानकीला राग येतो आणि जानकी ही ते बक्षीस फेकून देते आणि त्यावेळेस आपण पाहतो त्या ठिकाणी मास्क घेतलेला एक व्यक्ति येतो आण...

लाड़खान मंदिर ,ऐहोले कर्नाटक Ladhkhan Temple ,Aihole,Karnataka ಲಡಖಾನ್ ಟೆಂಪಲ್ ,ಐಹೊಳೆ

लाड़खान मंदिर ,ऐहोले कर्नाटक Ladhkhan Temple ,Aihole,Karnataka.



ऐहोले कर्नाटक के बदामी शहर से केवल ३३ किमी की दुरी पर बसा है ।  ऐहोले ये अपने हिन्दू मंदिरो के लिए मशहूर है यंहा पर कुल १२५ हिन्दू मंदिर हैं। लेकिन इनमेसे सबसे लोकप्रिय और विशेष अगर कोई मंदिर है तो वो है दुर्गा मंदिर और लाडखान मंदिर।


लाड़खान मंदिर ऐहोले का सबसे पुराणा  मंदिर माना जाता हैं ईसका निर्माण सम्भयावता पांचवी सदी में चालुक्य सम्राट पुलकेशी प्रथम ने किया था। ये मंदिर दो मंजिला ये मंदिर मूल रूपसे एक सूर्य देव को समर्पित मंदिर है लेकिन बाद में इसे शिव मंदिर में परिवर्तित किया गया हैं। ईसका छत समतल हैं इसके ऊपर कोई शिखर नहीं है। विजापुर के आदिलशाह के वजीर दक्षिण में मोहिंम पर जब था तो उसने इस मंदिर का उपयोग अपने रहने के लिए किया था और वो ईस क्षेत्र में काफी लोकप्रिय हुवा  ईसी कारण ईस मंदिर को उसीके नाम से याने लाडखान  मंदिर के नाम से जाने जाना लगा।


 ये मंदिर प्राचीन पंचयतना स्थापत्य शैली में बनाया गया था जो की इतिहास में प्रचलित थी लेकिन ये ज्यादा लोकप्रिय नहीं हुवी। ईस प्रकार के मंदिर में मुख्य गर्भगृह के आलावा और चार सहायक गर्भगृह भी होते  हैं,और ईन  सभी  के बिच में बड़ी बड़ी नक्षीदार  खिड़कियाँ बनायीं  गए  हैं। 



कैसे पहुंचे ?

ऐहोले  बदामी से केवल ३३ किमी दूर है बदामी सोलापुर-होस्पेट रेलवे मार्ग पर स्थित एक महत्वपूर्ण रेलवे स्थानक हैं। देश के प्रमुख शहर से बादामी के लिए रेलवे हर रोज चलती हैं, जिसमे मैसूरु, बंगलुरु,सोलापुर,मुंबई,पुणे,बागलकोट,विजापुर शामिल हैं। बदामी रेलवे स्टेशन से तो ऐहोले केवल २७ किमी दूर हैं। बदामी मुख्य बस स्थानक से कर्नाटका राज्य परिवहन की बसे हर आधे घंटे के अन्तराल से चलती हैं।

कहाँ पर ठहरे ?

बदामी में रहने के लिए ३ स्टार और १ स्टार होटल मिलेंगे साथ ही कर्नाटक पर्यटन विभाग से भी यंहा पर होटल्स चलाये जाते हैं। सस्ते दाम  में बदामी में/ऐहोले में अच्छा  होटल बुक करने के लिए निचे दिए गए लिंक पर जाकर आप अपना होटल बुक कर सकते हैं।

👉👉Click here to book Hotels in Aihole,Badami 👈👈

👇👇Click below link to watch Complete Video👇👇


टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

Top 10 Tourist places to visit/in Telangana State तेलंगाना राज्य के १० प्रमुख पर्यटन स्थल తెలంగాణ రాష్ట్రంలోని టాప్ 10 పర్యాటక ప్రదేశాలు

Tamilnadu's Top 10 remote Tourist Places तमिलनाडु के 10 दूरस्थ पर्यटन स्थल: अन्वेषण करने के लिए छिपे हुए रत्न (ஆராய 10 மறைக்கப்பட்ட கற்கள்)

Top 10 Tourist Places visit/do in Odisha ओडिशा में प्रमुख 10 पर्यटन स्थल ( हिंदी में )