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लताने रणदिवेंच्या घरामध्ये पार्वती बनून केला प्रवेश 'घरोघरी मातीच्या चुली' Gharoghari matichya chuli todays episode

 लताने  रणदिवेंच्या घरामध्ये पार्वती बनून केला प्रवेश 'घरोघरी मातीच्या चुली' Gharoghari matichya chuli today's episode घरोघरी मातीच्या चुली या मालिकेच्या पुढील भागांमध्ये आपण पाहणार आहोत लता ही ऐश्वर्या आणि सारंग ओरडून बोलते मला माहित आहे हे शूटिंग वगैरे काही नाही तुम्ही मला खऱ्या आयुष्यामध्ये करायला लावत आहात आता मला सांगा तुम्ही काय करत आहात तेव्हा ऐश्वर्याही विचारतो की ही घाबरतात इकडे आपण पाहतो जानकी ही नानाला बोलते नाना उद्या पार्वती आईचा श्राद्ध आहे आणि आज भाग आणि या जंगलामध्ये हिरव्या बांगड्या आहेत मला शिकून झाल्यासारखे वाटत आहे तेव्हा ना बोलतात ज्यांच्या काही समज करून घेऊ नको हा एक योगायोग आहे असे काहीच नसते त्यामुळे जानकी बोलते मला तर नाना पुढच्या येणाऱ्या संकटाची चाहूल दिसत आहे तेव्हा नाना सुमित्रा ऋषिकेश सर्वजण हे मंदिरामध्ये पूजा करण्यासाठी केलेले असतात आणि ऋषिकेश कोंडा मध्ये पूजा करायला जातो त्यावेळेस त्या महिला त्या कुंडामध्ये एक महिला पडते आणि ऋषिकेश आतील वाचवला जातो व तिला उचलून बाहेर घेऊन येतो तेव्हा मला विचारतात तू कोण आहेस तेव्हा ती महिला बोलते मी पार्वत...

महाबलीपुरम के मंदीर तमिलनाडु MAHABALIPURAM GROUP OF MONUMENTS TAMILNADU

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महाबलीपुरम के मंदीर तमिलनाडु MAHABALIPURAM GROUP OF MONUMENTS TAMIL NADU  Shore Temple Mahabalipuram,Tamilnadu  महाबलीपुरम भारत के सबसे लोकप्रिय पर्यटन और धार्मिक  स्थलों में से एक है महाबलीपुरम तमिलनाडु राज्य की राजधानी चेन्नई के दक्षिण में ५८ किमी दूर कोरोमंडल तट पर बसा एक प्राचीन शहर और बंदरगाह है जो की पल्लव राजयो कीतीसरी सदी से लेके आठवीं सदी तक उपराजधानी था।   इस शहर का नाम महान दानवीर असुर राजा महाबली के नाम पर रखा गया था। पल्लव राजा नरसिंह वर्मन जिन्हें 'मामल्ला' के नाम से जाना जाता था उन्होंने महाबलीपुरम का नाम मामल्लापुरम रख दिया था।आज ये स्थल दोने नाम प्रचिलित है।  महाबलीपुरम में सातवीं और आठवीं सदी में पल्लव राजाओ ने कई सारे दक्षिण भारतीय शैली में मंदिर बनावाये ये मंदिर द्रविड़ स्थापत्य कला का सबसे विकसित रूप माने जाते है ये मंदिर पल्लव नरेश नरसिंह वर्मन और महेंद्र वर्मन द्वारा निर्मित हैं।   महाबलीपुरम के मंदिर के पांच ग्रुप है इन्हे UNESCO ने अपने विश्व धरोहर स्थलों की सूचि में १९८४ में शामिल किया।  ...

भारत का प्राचीन बौद्ध केंद्र साँची का महान स्तूप मध्यप्रदेश ANCIENT BUDDHIST CENTER GREAT STUPA OF SANCHI MADHYA PRADESH

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भारत का प्राचीन बौद्ध केंद्र साँची का महान स्तूप मध्यप्रदेश  ANCIENT BUDDHIST CENTER GREAT STUPA OF SANCHI MADHYA PRADESH Sanchi Stupa Vidhisha Madhya Pradesh भारत में एक समय ऐसा भी था की पूरा भारत वर्ष महात्मा गौतम बुद्ध के विचारोसे प्रभावित था,और देश के कोने कोने में बौद्ध धर्म पहुंच कर संपूर्ण -एशिया में भी फैला था ,और ईसके प्रमाण आज भी हमें पुरे भारत वर्ष में देखने को मिलते हैं। भारत और भारत के बहार बौद्ध धर्म को पहुँचाने का काम बौद्ध सम्राट अशोक महान ने किया था।  इतिहासकारो की माने तो सम्राट अशोक ने  पुरे भारत में ८४००० स्तूपों का निर्माण किया था , आज हम इनमेसे से एक सबसे खूबसूरत मशहूर और महत्वपूर्ण बौद्ध स्तूप की सैर करेंगे जो एक विश्व धरोहर स्थल हैं जी हाँ हम बात कर रहे है साँची के विश्व प्रसिद्ध स्तूप की। साँची का महान स्तूप भारत की सबसे प्राचीन संरचनाओ में से एक है ,ईसा पूर्व तीसरी सदी में सम्राट अशोक महान ने इसे बनवाया था। साँची बौद्ध महान स्तूप के लिये प्रसिद्ध है जो भारत के मध्यप्रदेश राज्य के रायसेन जिले के साँची शहर में स्थित है और भोपाल से उत्तर...

'भानगढ़ का किला' देश की सबसे भूतिया जगह का रहस्य BHANGADH FORT MYSTERY BEHIND INDIA'S MOST HAUNTED PLACE.

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'भानगढ़ का किला'  देश की सबसे भूतिया जगह का रहस्य BHANGADH FORT MYSTERY BEHIND INDIA'S MOST HAUNTED PLACE.  Most Haunted Place In India ,Bhangadh Fort Rajasthan   राजस्थान के अलवर जिले में सरिस्का टाइगर रिज़र्व के सटीक भानगढ़ किला है और कहा जाता है की ये किला भारत की सबसे हॉटेड भूतिया जगा हैं ,क्या सच में इस किले में भुत रहते है अगर है तो अभी तक इसके कोई पुख्ता सबुत कैसे नहीं मिले ? और नहीं है तो ये जगह सबसे हॉन्टेड जगह कैसी बन गई ? ये जगह सेकड़ो सालो से वीरान क्यों है ? भानगढ़, नाम सुनते ही दिल में दहशत की घंटियां क्यों बजने लगती हैं ? आखिर भानगढ़ का रहस्य क्या है? क्या यहां वाकई भूतों का बसेरा है या फिर ये सिर्फ सुनी सुनाई बातें हैं ? क्या वाकई रात में यहां आने वाला वापस नहीं जाता? क्यों किले में रात में रुकने पर मनाई हैं ?तो चलिए ईस व्हिडिओ में हम ईन सब सवालों से पड़दा उठाने वाले है तो बने रहे हमारे साथ ईस व्हिडिओ के अंत तक।  भानगढ़ किले का निर्माण १५७३ में  महाराजा भगवंतदास ने करवाया था ,निर्मित होने के उपरांत भानगढ़ का किला लगभग ३०० वर...